Urmila aur Laxman

  Urmila aur Laxman

     उर्मिला और लक्ष्मण 

urmila laxman , urmila ka wirah, pain of urmila

Urmila 

















हम भी भूले ,तुम भी भूले ,
कि एक और थी रानी ,
सब भूल गए वो कहानी ll 

वक्त ठहरकर कभी कभी ,
कराता है एहसास ,
कितना भी तुम दफ़न करो ,
 बता  देता  इतिहास ll 

चलो करें फिर याद ,
याद रखें सरयू का पानी ,
नाम "उर्मिला ",नगर "अयोध्या ",
रहती थी एक रानी ll 

राम चले वनबास,
माता सीता की भी तैयारी ,
लक्ष्मण को भी संग ही जाना ,
उर्मिला पर विपत भारी ll 

वचन लिया था लक्ष्मण ने ,
घबडा मत तुम जाना ,
माता ,पिता,गौ ,सेवा करना ,
आंसू नहीं बहाना ll 

सुनती रही चुपचाप ,
वाह ,भारतीय नारी ,
साहस भी सकुचा उठा ,
कैसी ये जनक दुलारी ll 

माता सीता वन गयी ,
साथ में थे पर राम ,
उर्मिला लक्ष्मण  बिछड़ गये ,
सूना हो गया धाम ll 

हवा भी रह गयी मौन ,
हुआ सूरज भी मद्धम मद्धम ,
पिघल उठा था मेघ ,
हुई बरसात झमाझम ll 

गम किसी का हो ,
समझ जाता जड़ ,चेतन,प्राणी ,
तोता मैना हुए  उदास ,
बस आगे बढ़ी कहानी ll 

हाय , विधाता तूने ,
ये कैसी रचना रची थी ,
सहमे पायल के बोल ,
अभी मेंहदी हाथों में बसी थी ll 

नवयौवन का भार ,
श्रृंगार शिकायत कौन सुनेगा ,
पति गये वनबास ,
कहो अब कंगन कैसे बजेगा ll 

चौदह वर्ष पति बिना ,
सोती रही जवानी ,
माता सीता की छोटी बहन ,
नाम उर्मिला रानी ll 

मर्यादा पुरुष हैं राम ,
मगर पीछे नहीं है नारी ,
तुलसीदास कविराज ,
किया मगर हकमारी ll 

रामायण जब भी पढ़ा जायेगा ,
लक्ष्मण , सीता , राम 
हम सब मगर नहीं भूलेंगे ,
 उर्मिला तेरा नाम ll 

                                   - Writer Mr. Onkar 

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