खामोशियों मेंं सुनता हूँ ।


खामोशियों में  सुनता हूँ ।
खामोशियों में सुनता हूँ ।

खामोशियों में सुनता हूँ,
खुद ही खुद में गुनता हूँ,
धड़कनों की गीत,
ओ मनमीत तुम्हारी प्रीत।।

बंद होती पलकें, तुम्हे ही देखता हूँ,
खुद में बंद होकर खुद को सहेजता हूँ,
हार में ही  खोज लेता हूँ,
मैं अपनी जीत,
ओ मनमीत तुम्हारी प्रीत ।।














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