Banka Bihar India

                                  Banka Bihar India 

                                                         बांका बिहार इंडिया 

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Banka Bihar India 

Banka Bihaar India


परिचय -
बिहार राज्य के दक्षिणी पूर्व दिशा में बांका जिला अवस्थित है जिसकी पूर्वी और दक्षिणी सीमा झारखण्ड राज्य को छूती है l  3020 वर्ग किमी . क्षेत्र में फैला यह नवनिर्मित जिला है जो पहले भागलपुर का एक अंग था l 2111 गाँव , 11 प्रखंड वाला यह जिला बहुत खुबसूरत क्षेत्रों में से एक है l  बांका का सरकारी web address hai 
www.banka.bih.nic.in 

इतिहास -

ग्रंथों एवं पुराणों की संरक्षित परम्पराओं के अनुसार महाराज अनु के वंशज , महान राजा मनु के पौत्र ने अन्वा साम्राज्य की स्थापना की जि कालांतर में " अंग देश " बना l लोमपद,अयोध्या के राजा दशरथ के मित्र और समकालीन थे l उनके प्रपौत्र के नाम पर अंग देश की राजधानी " चंपा पड़ी l इसका उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है l 
कहा जाता है कि मगध के राजा अजातशत्रु ने अपनी राजधानी चंपा जो वर्तमान में भागलपुर है स्थानांतरित कर ली थी l सम्राट अशोक की माता " सुभान्ग्री जो कि अंग चंपा क्षेत्र की एक गरीब कन्या थी , के साथ बिन्दुसार का विवाह कराया गया जिसने बाद में हिन्दू धर्म के सबसे महान सम्राट अशोक को जन्म दिया l 
अंग प्रदेश नन्द वंश , मौर्य वंश , शुंग वंश , कण्व वंश के शाशकों के साथ साथ मगध सम्राट के शाशकों के भी अधीन रहा l अंग प्रदेश महान गुप्त साम्राज्य का भी हिस्सा बना रहा l गुप्त राजा माधव गुप्त को जब सत्ता सौंपी गयी तब उसके पुत्र आदित्यसेन ने मंदार की सुरम्य पहाड़ियों पर एक शिला लेख उत्कीर्ण करवाया l प्रसिद्ध मंदार पर्वत का वर्णण समुद्र मंथन की पौराणिक कथाओं में है जब देवासुर संग्राम में सुर और असुरों ने हिस्सा लिया था l कालीदास ने अपनी कालजयी रचना " कुमारसंभव " में इसका जिक्र किया है l मंदार पर्वत पर भगवान् मधुसुदन को समर्पित एक अति प्राचीन मंदिर है l जैनधर्म के 12 वें तीर्थंकर ने मंदार की पहाड़ियों पर ही निर्वान प्राप्त किया था 

Banka Bihar India 


विशेष -

बांका जिले की प्राच्य इतिहास से थोडा आगे चलते हैं तो पाते हैं की भागलपुर जिले से 21 फरवरी 1991 को अलग होकर बांका जिले का जन्म हुआ जिसमे अभी 2111 गाँव और 5 विधान सभा क्षेत्र और केवल एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है l बांका शहर के बींचोबीच शांत खड़ा ..गाँधी चौंक  (पूर्व नाम गोदो चौंक ) शांति से अपने बांका को बदलते देख रहा है  न जाने कब से ..  काफी है साहब ...... जीने खाने के लिए बहुत है ... बांका में l ..है न ..


बांका की ऐतिहासिक महत्ता बहुत है ..स्वतंत्रता संग्राम से ही  जब छापामार लड़ाका और अंग्रेजी हुकूमत के नाम में दमकर देने वाले रामपुर भरको (अमरपुर ) के शहीद महेंद्र गोप के घोड़े समुखिया एक्सिंघा के मैदानों पर हवा से बात किया करते थे l 


आजादी की लड़ाई में जब पटना सचिवालय में झंडा फहराने के दौरान शहीद सतीश झा ( निवासी ग्राम खाडहरा  बाराहाट ) के सीने को फिरंगी गोलियों से छलनी छलनी कर दिया तो बांका फूट फूट कर रोया होगा पर बड़े फक्र से l आज बांका के लाल के शोणित से धरती माता का श्रृंगार हुआ होगा l 


क्या नहीं है बांका जिले में ...सबकुछ पर सरकारी तंत्रों की उदासीनता इसके गौरवशाली इतिहास को कुम्हला देती है l ..एक तारनहार आये थे ...असमय कालकलवित हो गए l ये भी कोई उम्र थी जाने की ..बाबू दिग्विजय सिंह जी ...आपने जो बांका के लिए किया वो एक मिसाल बनकर रह गयी l बांका के सच्चे सपूत बाबू दिग्विजय सिंह जी ...फर्श से अर्श पर ला खड़ा किया पर बहुत जल्द साथ छोड़ गए l .. आज उनकी बेटी श्रेयसी सिंह अपने बाबूजी के नक़्शे कदम चलकर बांका का नाम रौशन कर रही है l भले ही उनका फिल्ड खेक का मैदान हो ...तीरंदाजी की उभरती तरीका .. जिसने ना जाने कितने रत्न बांका की झोली में डाले और कितने शेष हैं l 


धार्मिक स्थलों में बांका नायाब है चाहे वह तेल्धिया शक्तिपीठ  (तहशील शम्भुगंज ) हो या विश्वा का सबसे बड़ा पैदल मेला ...श्रावणी मेला का हिस्सा बनना जो की बांका जिले में धुरी राजपुर (बेलहर तहसील ) से दुम्मा  ( चंदन तहसील ) तक आता है l कुल मिलकर 64 किमी . तक श्रावणी मेला बांका जिले में लगता है l  ..ये जिले का सौभाग्य है l 



चीर , चान्दन और बढूआ ...ये बांका जिले की तीन विशालकाय नदियाँ हैं l जिनकी उफान कभी देखते बनती थी लेकिन अब सरकारी कुब्यवस्था अत्यधिक दोहन  ( बालू खनन ) और बेतरतीब अंधाधुंध शहरीकरण के कारण इसकी धाराएँ भी शांत पड़ गयी l


 Banka River badua chanan  , Bihar India
River of Banka 
Banka chandan badua river , Bihar India
River of Banka 



















Banka Bihar India


बांका इतिहास के पन्नो में दागदार भी रहा है l अस्सी के दशक का बदनाम अंखफोड़वा काण्ड जिसकी शुरवात बांका के राजाओं थाना क्षेत्र के जेल से हुई थी जिसने उस समय पुरे देश को सकते में ला दिया था l बाद में चंपारण के प्रसिद्ध फिल्मकार प्रकाश झा ने इसपर फिल्म गंगाजल भी बनाई थी l 


बांका ..नाम से ही एक अजीब सा बांकपन महसूस होने लगता है l ..कितना नायाब है ...एक बात और बताऊ कि बांका जिले के सुदूरवर्ती दक्षिण गाँव मनिया  (तहसील कटोरिया ) में सजावटी चांदी की मछलियाँ भी गढ़ी जाती हैं यंहा के स्वर्णकारों द्वारा ...जो देश परदेश तक जाती है l ..
यंहा के अमर लोकगीतकार पद्मश्री चित्तू टूद्दु ने बांका जिले के संथाली विवाह गीत ,सोने की तिकड़ी " ,"रूपा की नथिया " का संग्रह भी किया था जिस कारण उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान मिला था ...फिर गुरु धाम ,,वेद विद्यापीठ ,,गुरुकुल  बौंसी ..ज्ञानरुपी अलख जगाई है 1945 से ही l \











 (यह आलेख साभार ,विद्वान शिक्षक श्री आदित्य शंकर जी से प्राप्त )



    
                                                        

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