Things to check before buying the land
Things to check before buying immovable land flat house
जब हम जमीन ,घर ,मकान या खरीदने की योजना बनाते हैं तो हमें कुछ बातों पर अवश्य ही ध्यान देना चाहिए अन्यथा हम धोखा खा सकते हैं और खून पसीने की कमाई व्यर्थ जा सकती है तो.
Things to check before buying the land :
Title Deed -
सर्वप्रथम हमें विक्रेता का Title Deed यानि स्वत्व ,स्वामित्व ,दखल कब्जा ( Right, title and possession ) का निरिक्षण करना चाहिए l आप यदि विक्रेता द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज समझ सकते हैं तो ठीक अन्यथा अपने अधिवक्ता को दिखाएँ l प्रस्तुत किये गए दस्तावेज का सत्यापन अपने तरीके से कर लें l विक्रेता द्वारा दी गयी सुचना का सत्यापन सबसे ज्यादा जरुरी हैं l
Things to check before buying the land :
इसके लिए सर्वप्रथम सर्वे दस्तावेज को देखें l प्रत्येक राज्य सरकार अपने राज्यों की जमीन का सर्वे करती है ,इस सर्वे के लिए कानून बने हुए हैं l जैसे बिहार में Bihar Tenency Act, उत्तर प्रदेश का अपना Tenency Act है l अन्य राज्यों के भी अपने अपने Act हैं l
इस सर्वे में कौन सी जमीन किस ब्यक्ति की है इसका विस्तृत सर्वेक्षण कर राज्य सरकार सरकारी गजट में प्रकाशित करती है l सर्वेक्षण अभिलेख से हम किसी ब्यक्ति का जमीन पर उसके स्वत्व ,स्वामित्व, दखल कब्जे की स्थिति ,भूमि का प्रकार , लगान की स्थिति सब कुछ जान सकते हैं l सर्वे अभिलेख में ये सारी सूचनाएं दर्ज रहती हैं l सर्वे अभिलेख आपको कई जगह खोजने पर मिल सकते हैं l सर्वप्रथम अंचल में जंहा आप अंचल कार्यालय से सर्वे अभिलेख देखकर जमीन सम्बन्धी सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं l यदि अंचल कार्यालय में ये अभिलेख उपलब्ध नहीं हो तो अनुमंडल कार्यालय में खोजे और यदि वंहा भी नहीं मिले तो जिले के जिला अभिलेखागार में तो सर्वे अभिलेख मिलना ही है l जिला अभिलेखागार से भूमि की अभिप्रमाणित प्रतिलिपि भी आप ले सकते हैं l इस प्रकार सर्वे अभिलेख वह पहला दस्तावेज है जिसकी जानकारी आपको भूमि खरीदने से पहले पता करनी चाहिए और विक्रेता का स्वत्व स्वामित्व जानना चाहिए ये बहुत बहुत जरुरी है l
Things to check before buying the land :
सर्वे अभिलेख जाँच करने के क्रम में अक्सर जो कठिनाई आती है वह यह की राज्य सरकारें प्रायः सर्वे कार्यों में उदासीन रहती है क्योंकि भू सर्वे एक श्रम साध्य कार्य है सर्वे रिकॉर्ड अक्सर पुराने मिलते हैं l आपको आश्चर्य हो सकता है कि बिहार में अंतिम प्रकाशित सर्वे अभिलेख वर्ष 1908 का मिलता है l सरकार द्वारा पुनः सर्वे किये जा रहे है लेकिन उनके प्रकाशन में अभी बहुत वक्त लगना है l फिर भी घबडाने की बात नहीं है l आप सर्वे अभिलेख में उस खाता एवं प्लाट का निरिक्षण कर लें की वह किसके नाम से है l भूमि किस प्रकार की है l आपके विक्रेता का सर्वे रैयत से क्या सम्बन्ध है l यदि आपके विक्रेता सर्वे रैयत का वंशज है तो विक्रेता से उनका वंश बृक्ष की मांग कर लें l वंश बृक्ष से आपको यह भी पता चल जायगा की आमतौर पर आपके विक्रेता का कितना अंश उस खास प्लाट में है l विक्रेता के पिता और उनके भाई बहनों माँ के बारे में जानकारी प्राप्त करलें l विक्रेता का अंश या प्लाट में कितना हिस्सा है यह जानना जरुरी है l कभी कभी विक्रेता अपना स्वामित्व विक्रय पत्र प्रस्तुत कर भी दिखाता है l लेकिन उसके विक्रेता कौन थे l क्या उनके विक्रेता सर्वे रैयत के वंशज थे ? हक के मुताबिक भूमि बेचीं गयी है या नहीं इत्यादि की जानकारी लें l मेरा अपना सुझाव है कि आप हर हालत में सर्वे अभिलेख का अध्ययन जांच अवश्य ही कर लें l
Things to check before buying the land :
सर्वे अभिलेख से संतुष्ट हो जाने के बाद आपको राजस्व अभिलेख की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए l मसलन जमाबंदी किसके नाम से चल रही है l मालगुजारी सरकार को कौन भुगतान कर रहा है l जमाबंदी नं क्या है l यदि विक्रेता के नाम से जमाबंदी नहीं है बल्कि उनके दादाजी (grandfather ), दादीजी (grandmother) माता जी (mother) ,पिताजी ( father ) इत्यादि के नाम से है तो फिर विक्रेता का वंश बृक्ष की मांग करें तथा अभिलेख में दर्ज जमीन के क्षेत्रफल से विक्रेता के अंश की गणना कर लें l याद रहे कई सरकारें भूमि के विक्रय पत्र को निबंधित ( Registration ) करने की इजाजत तभी देती है जब सरकार के जमाबंदी रजिस्टर में विक्रेता या उनके पूर्वज का नाम हो l जमीन रजिस्ट्री के वक्त मालगुजारी रसीद भी प्रस्तुत करनी होती है l बिहार राज्य में ये लागू है जंहा बिना जमाबंदी और मालगुजारी रसीद के जमीन रजिस्ट्री नहीं हो सकती l इस प्रकार जमीन खरीदने के पहले राजस्व अभिलेख देख लें l तहसीलदार से भी जमीन की स्थिति पता कर लें l यह बहुत जरुरी है l
Things to check before buying the land :
यदि आप मेट्रो सिटी में रहते हैं तो वंहा के अभिलेखागार में भूमि की जानकारी पता करें l अंचल में जानकारी पता करें l यदि म्युनिस्पैलिटी या नगर निगम वाला क्षेत्र है तो पता करें कि उनके अभिलेख में विक्रेता की भूमि दर्ज है या नहीं l टैक्स दिया जा रहा है या नहीं l टैक्स किसके द्वारा भुगतान किया जा रहा है l विक्रेता का नाम रजिस्टर में दर्ज है या नहीं l यदि विक्रेता के पूर्वज का नाम है तो विक्रेता से उसका सम्बन्ध क्या है l विक्रेता के कौन कौन से सह्दायकी है l विक्रेता का प्रचलित हिन्दू या मुस्लिम विधि के अनुसार (विक्रेता जिस धर्म का हो उसके अनुसार ) कितना वाजिब हक बेचने का है l इन सारी बातों की जानकारी अवश्य भूमि खरीदने के पहले पता कर लें l
Things to check before buying the land :
भूमि खरीदने के पहले इस बात की जानकारी पता कर लें की भूमि पर कोई ऋण भार तो नहीं है l बैंक या अन्य किसी संस्था का कर्ज तो भूमि पर नहीं है l इसके लिए Land encumbrance certificate विक्रेता से प्राप्त कर लें l Land encumbrance certificate उस क्षेत्र के अवर निबंधन विभाग ( subordinate registration department ) , जिला निबंधन विभाग (District Registration Department ) जारी करता है l आप क्षेत्र के बैंकों से पता नहीं कर सकते हैं लेकिन यदि जमीन बंधक ,गिरवी किसी बैंक के पास या किसी ब्यक्ति के पास होगी तो Land encumbrance certificate जो registration विभाग जारी करेगा उससे आपको जमीन की ऋण सम्बन्धी स्थिति की जानकारी हो जायगी l जमीन के ऋण भार से सबंधित जानकारी पता करना अत्यंत जरुरी है l
Things to check before buying the land :
कभी कभी जमीन मालिक कोई और रहता है और जमीन "पॉवर ऑफ़ अटोर्नी ( Power of attorney ) के माध्यम से बेचीं जाती है l "Power of attorney " जिसे आम बोलचाल में "मुख्तारनामा " कहा जाता है एक गंभीर विषय है जिसपर चर्चा मैं अपने दुसरे article में करूँगा क्योकि यंहा का विषय दूसरा है और ये लेख भी बहुत लम्बा हो जायगा l बस आप इतना जान लें कि Power Of Attorney के माध्यम से यदि जमीन खरीद रहें हैं तो सर्वप्रथम इसके जोखिमों को जान लें l अत्यधिक जोखिम है l माननीय सुप्रिम कोर्ट ऑफ़ इंडिया अपना नियमन दे चूका है कि power of attorney से स्वत्व, स्वामित्व का हस्तांतरण नहीं होता l यानी भूमि का मालिक तो जो मूल मालिक है वही रहता है l ऐसी स्थिति में जब power of attorney धारण करने वाले (power of attorney holder) के पास स्वत्व स्वामित्व ही नहीं है तो वह ट्रान्सफर (हस्तांतरण ) करेगा क्या l याद रहे विक्रय पत्र के द्वारा स्वत्व (title), स्वामित्व (ownership) और दखल कब्जा आधिपत्य (possession) हस्तांतरित होते हैं l कुछ भू माफिया अक्सर बड़े शहरों में power of attorney के माध्यम से जमीन की खरीद बिक्री कर रहे थे और लोग धोखा खा रहे थे l यही कारण है कि माननीय सुप्रिम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने एक मुक़दमे में हाल में ही यह निर्णय दिया है कि "Land sale by power of attorney not valid "बल्कि माननीय न्यायलय ने तो यंहा तक कहा है कि power of attorney अब खून के रिश्ते वालों को ही दी जा सकेगी l अतः पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी अतिरक्त ध्यान दें l
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IN THE SUPREME COURT OF INDIA,CIVIL APPELLATE JURISDICTIONSPECIAL LEAVE PETITION (C) NO.13917 OF 2009 में देखें suraj Lamp & Industries Pvt. Ltd Vs. State of Haryana & Anr.
Things to check before buying the land :
अंत में मै यही कहूँगा कि भूमि खरीद संबंधी मामले में अत्यंत सतर्कता रखें तथा अच्छी तरह सारी बातों की जानकारी लेकर ही कोई काम करें l आजकल शहरों में धोखेबाजों का पूरा गैंग होता है जो एक ही भूमि कई लोगों को दिखाकर कई बार विभिन्न लोगों को बेच देते हैं l तो पहले ही सारी बातों की जानकारी व सुचना गहराई से एकत्र कर लें l खासकर दखल कब्जे की स्थिति स्थल पर जाकर देख लें l आसपास के लोगों से भी पता करें l सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही जमीन खरीद बिक्री करेंl अपने खून पसीने की कमाई को ब्यर्थ होने से तभी बचाया जा सकता है l जोश में आकर सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त किया बिना पैसे को हाथ से न जाने दें l
( लेखक एक अधिवक्ता हैं )
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